NCERT EVS CLASS 3 OBJECTIVE QUESTION – CTET
CTET पेपर -1 में पर्यावरण विषय से 30 प्रश्न पूछे जाते है | जो अधिकांस NCERT EVS CLASS 3 , 4 ,5 से होते है , इसलिए इस पेज में NCERT EVS CLASS 3 के सभी पाठ से मुख्य बातो को सामिल किया गया है | पहले सयुक्त रूप से सभी पाठ के मुख्य बातो को सामिल किया गया है , फिर अलग अलग पाठ से अलग अलग ऑब्जेक्टिव प्रश्न शामिल किया जायेगा | जिससे आप पर्यावरण विषय को अच्छे से तैयारी कर सके |
EXAM | CTET DECEMBER 2024 |
SUBJECT | EVS – पर्यावरण |
CTET PAPER -1 TOTAL QUESTION | 150 QUESTION |
CTET PAPER -1 FULL MARKS | 150 MARKS |
CTET PAPER -1 EVS TOTAL QUESTION | 30 QUESTION |
CTET PAPER -1 EVS TOTAL MARKS | 30 Marks |
PAPER | 1 (ONE), CLASS ( 1 TO 5 ) |
TOPIC | EVS NCERT CLASS 3 OBJECTIVE |
Short Information | CTET के पेपर 01 में 30 प्रश्न पर्यावरण से पूछे जाते है , NCERT के class 3 से class 5 तक के EVS से प्रश्न पूछे जात्ते है | इसी को ध्यान में रखते हुए इस पेज में EVS NCERT CLASS 3 के बुक से कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न यहाँ दिये गये है , आशा है अगर CTET में EVS NCERT CLASS 3 सम्बन्धित प्रश्न पूछे जाते है तो इस पेज को पढने से विद्यार्थी को अवश्य लाभ मिलेगा | और वह CTET पेपर -01 में अच्छे अंक से पास होगा | |
पर्यावरण अध्ययन – आस-पास
- पाठ 1: डाल-डाल पर, ताल-ताल पर
- पाठ 2: पौधों की परी
- पाठ 3: पानी रे पानी
- पाठ 4: हमारा पहला स्कूल
- पाठ 5: छोटू का घर
- पाठ 6: खाना अपना-अपना
- पाठ 7: बिन बोले बात
- पाठ 8: पंख फैलाएँ, उड़ते जाएँ
- पाठ 9: बादल आए, बारिश लाए
- पाठ 10: पकाएँ, खाएँ
- पाठ 11: यहाँ से वहाँ
- पाठ 12: काम अपने-अपने
- पाठ 13: छूकर देखें
- पाठ 14: कहाँ से आया, किसने पकाया
- पाठ 15: आओ बनाएँ बर्तन
- पाठ 16: खेल-खेल में
- पाठ 17: चिट्ठी आई है
- पाठ 18: ऐसे भी होते है घर
- पाठ 19: हमारे साथी जानवर
- पाठ 20: बूँद-बूँद से
- पाठ 21: तरह-तरह के परिवार
- पाठ 22: दायाँ-बायाँ
- पाठ 23: कपड़ा सजा कैसे
- पाठ 24: जीवन का जाल
नोट – NCERT कक्षा 3 में 24 पाठ है , पहले सयुक्त रूप से मुख्य ऑब्जेक्टिव प्रश्न को सामिल किया गया है , फिर अलग अलग किया जायेगा |
NCERT EVS CLASS – 3 सभी पाठ के महत्वपूर्ण ऑब्जेक्टिव प्रश्न
Main Point | विस्तार (Details) | |
01 | विष्णु चिंचालकर | मशहूर कलाकार विष्णु चिंचालकर इंदौर, मध्य प्रदेश के रहने वाले थे। वे सूखे पत्तों से बढ़िया चित्र बनाते थे। |
02 | चूहा | चूहों में देखने की क्षमता कम परंतु सूंघने, तथा स्वाद लेने वाली क्षमताएं बहुत ही तीव्र होती है। |
03 | उल्लू | उल्लू अपनी गर्दन पीछे घुमा सकता है। |
04 | मैना | मैना एक ऐसी पक्षी है जो अपना गर्दन झटके के साथ आगे पीछे करती है। |
05 | ब्रेल लिपि | ब्रेल लिपि का खोज लुई ब्रेल ने किया था जो फ्रांस के रहने वाले थे। ब्रेल लिपि में मोटे कागज पर उभरे हुए बिंदु बने होते हैं जिसे छूकर पढ़ा जाता है। ब्रेल लिपि छ: बिंदुओं पर आधारित होती है। |
06 | राजस्थान में घरों की बनावट | राजस्थान में बारिश बहुत कम होती है और खूब गर्मियां पड़ती है। यहां के लोग मिट्टी के घरों में रहते हैं। घरों की दीवारें बहुत मोटी होती है तथा दीवारों को मिट्टी से लीप-पोतकर सुंदर बनाया जाता है एवं छतें कटीली झाड़ियों की बनी होती है। |
07 | असम में घरों की बनावट | असम में बारिश बहुत होती है। यहां के घर जमीन से लगभग 10 से 12 फुट ऊंचे बने होते हैं। घर को मजबूत बांस के खंभों पर बनाते हैं तथा यह घर अंदर से भी लकड़ी के ही बने होते हैं। |
08 | मनाली में घरों की बनावट | मनाली एक पहाड़ी इलाका है। यहां बारिश बहुत होती है और बर्फ भी बहुत पड़ती है। यहां के मकान पत्थर या लकड़ी से बने होते हैं। |
09 | टैपिओका | |
10 | नागपुर | नागपुर के लोग दाल में चीनी डालते हैं। |
11 | डांस | डांस में हाथ और चेहरे के जरिए भावनाएं दिखाई जाती हैं, जिन्हें मुद्रा और भाव कहते हैं |
12 | पक्षियों के पंख | पक्षियों के पंख उन्हें उड़ने में मदद करते हैं, और गर्माहट भी देते हैं। पक्षियों के पुराने पँख झड़ते रहते हैं, और नए आते रहते हैं। |
13 | श्रीनगर | श्रीनगर में प्रसिद्ध कहवा चाय बनाई जाती है। |
14 | डल झील | डल झील श्रीनगर में है। |
15 | शिकारा | शिकारा नाम की नाव से टूरिस्ट डल लेक में इंजॉय करते हैं। |
16 | बज्जू गांव | बज्जू नामक गांव राजस्थान में है |
17 | लिंग-हू-फेन | हांगकांग में सांप खाए जाते हैं, इसके सूप को लिंग-हू-फेन कहते हैं। |
18 | सरसों के तेल | कश्मीर में सरसों के तेल में मछली को पका कर खाते हैं, |
19 | नारियल के तेल | गोवा में नारियल के तेल में मछली को पकाया जाता है। |
20 | टैपिओका (Tapioca) | टैपिओका (Tapioca) एक प्रकार का फल है जो केरल में उबालकर खाया जाता है। |
21 | गिद्ध | वल्चर (vulture) या गिद्ध मरे हुए जानवरों को खाता है। |
22 | हमिंग बर्ड | हमिंग बर्ड की चोंच सुई की नोक जैसी होती है। |
23 | कबूतर | कबूतर की चोंच गुलाबी और पंख ग्रे रंग के होते हैं। |
24 | असम में घर | असम में घर जमीन से 10 से 12 फुट ऊपर होते हैं और यह बांस से बनाए जाते हैं। और घर के अंदर भी लकड़ियों का ही प्रयोग होता है। असम में घर को ऊंचाई पर बनाए जाने का कारण यह है कि असम में भारी बारिश होती है, जिसके कारण घर में पानी भरने का खतरा बना रहता है। |
25 | मनाली में घर | मनाली में पत्थर और लकड़ी दोनों से घर बनते हैं, और यहां बारिश के साथ-साथ बर्फ भी पड़ती है। |
26 | राजस्थान में घर | राजस्थान में मड जो कि एक प्रकार की गीली मिट्टी है, के घर बनाए जाते हैं और छत झाड़ियों से बनती है। |
27 | घर के आंगन में गड्ढा | राजस्थान के लोग अपने घर के आंगन में गड्ढा बनाते हैं। |
28 | छत को ढलानदार | राजस्थानी लोग छत को ढलानदार बनाते हैं, जिससे वह बारिश के पानी को इकट्ठा करते हैं, और उसका उपयोग दैनिक जीवन में करते है। |
नोट- निचे सभी पाठ से अलग अलग महत्वपर्ण वस्तुनिस्ट प्रश्न जोड़े जायेंगे
पाठ 1: डाल-डाल पर, ताल-ताल पर OBJECTIVE QUESTION
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